रायपुर: तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में EOW-ACB की लापरवाही, डीएफओ अशोक पटेल को पेश करने में घोटाला
रायपुर,,,,,,
छत्तीसगढ़ के तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में एक बार फिर से EOW (आर्थिक अपराध शाखा) और ACB (अण्टी करप्शन ब्यूरो) की बड़ी लापरवाही सामने आई है। डीएफओ (वन विभाग अधिकारी) अशोक पटेल को तेंदूपत्ता बोनस घोटाले मामले में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें दंतेवाड़ा विशेष कोर्ट में पेश किया जाना था, लेकिन ईओडब्ल्यू ने उन्हें रायपुर कोर्ट में पेश किया और दो बार रिमांड ले लिया। इस पर विशेष कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई और इसके बाद डीएफओ को दंतेवाड़ा विशेष कोर्ट में पेश कर नौ मई तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
अशोक पटेल की गिरफ्तारी और रिमांड
तेंदूपत्ता बोनस घोटाले के आरोपी डीएफओ अशोक पटेल को ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया था। यह पहली बार था जब छत्तीसगढ़ में साय सरकार के दौरान किसी आईएफएस (Indian Forest Service) अधिकारी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद अशोक पटेल को विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की रिमांड पर भेजने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी गई।
सुकमा में 12 स्थानों पर रेड
ईओडब्ल्यू और एसीबी ने तेंदूपत्ता बोनस घोटाले के मामले में छापेमारी की। इस कार्रवाई के तहत सुकमा जिले में 12 स्थानों पर रेड की गई। इन छापों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक खातों से संबंधित दस्तावेज, निवेश की जानकारी और अन्य महत्वपूर्ण कागजात बरामद किए गए। सुकमा के डीएफओ कार्यालय के कर्मचारी के घर से नगद 26 लाख रुपये भी मिले।
घोटाले का खुलासा
2021-2022 के तेंदूपत्ता सीजन के दौरान करीब सात करोड़ रुपये की राशि संग्राहकों को वितरित करने के बजाय आपराधिक षडयंत्र के तहत गबन कर ली गई। इस मामले में आरोप है कि तेंदूपत्ता बोनस का वितरण नहीं किया गया और वह राशि निजी व्यक्तियों को दी गई। इसके तहत आपराधिक न्यास भंग कर दिया गया था और गबन की राशि का इस्तेमाल अन्य व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया।
अहम दस्तावेजों का खुलासा
ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने संदेहियों के निवास स्थानों और अन्य संबंधित स्थानों से महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त किया। इस दौरान प्राप्त दस्तावेजों में बैंक खातों और निवेश से संबंधित कागजात, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल थे, जो इस मामले में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
डीएफओ के घर से भारी रकम का मिलना
सुकमा जिले के डीएफओ कार्यालय के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के घर से 26 लाख 63 हजार 700 रुपये नगद बरामद किए गए थे। इन पैसों को ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने जब्त कर लिया। इस धनराशि और दस्तावेजों के आधार पर आगे की जांच और वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
अनुपातहीन संपत्ति का मामला
कुछ समय पहले ही इस प्रकरण के मुख्य आरोपी अशोक कुमार पटेल के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद, ईओडब्ल्यू और एसीबी ने संबंधित स्थानों पर छापेमारी की थी।
तेंदूपत्ता बोनस घोटाले का मामला एक बार फिर से सामने आया है, जिसमें ईओडब्ल्यू और एसीबी की लापरवाही के कारण घोटाले की जांच में रुकावट आई। अब देखना यह होगा कि आरोपी अधिकारियों के खिलाफ और क्या कार्रवाई होती है और इस मामले की जांच कितनी गहराई से की जाती है। घोटाले में शामिल सभी आरोपी और संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि राज्य में भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिल सके।