छत्तीसगढ़ निशक्तजन वित्त एवं विकास निगम का नाम परिवर्तन; मुख्यमंत्री साय ने दिव्यांगजनों के समग्र विकास के प्रति पुनः प्रतिबद्धता व्यक्त की
रायपुर >> छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विश्नुदेव साय ने रायपुर के अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम, मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक औपचारिक समारोह में छत्तीसगढ़ निशक्तजन वित्त एवं विकास निगम का नाम बदलकर “छत्तीसगढ़ दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम” करने की घोषणा की। इस अवसर पर निगम के नव नियुक्त अध्यक्ष लोकेश कवाड़िया के कार्यभार ग्रहण और सम्मान समारोह का आयोजन भी हुआ।
मुख्यमंत्री साय ने लोकेश कवाड़िया को बधाई देते हुए दिव्यांगजनों के समग्र विकास के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम के तहत 15 दिव्यांग लाभार्थियों को ऋण वितरित किए गए, 11 लाभार्थियों को ऋण पुनर्भुगतान पर ब्याज अनुदान प्रदान किया गया तथा श्रवण बाधित व्यक्तियों को श्रवण यंत्र वितरित किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार दिव्यांगजनों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। हम कौशल विकास, आर्थिक सहायता और स्टार्टअप प्रोत्साहन के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों का सर्वेक्षण कर उन्हें व्यवसाय और नए स्टार्टअप के लिए ऋण सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए दंतेवाड़ा दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिव्यांगजनों के प्रति दिखाए गए विशेष लगाव को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि एक अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश कवाड़िया की नियुक्ति से राज्य के दिव्यांग नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए “सबका साथ, सबका विकास” की भावना के अंतर्गत दिव्यांगजनों को आर्थिक और कौशल विकास के माध्यम से सशक्त बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने लोकेश कवाड़िया को उनकी नई जिम्मेदारियों के लिए शुभकामनाएँ दीं।
समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी हुईं, जिनमें शासकीय दिव्यांग विद्यालय, माना के छात्रों द्वारा प्रस्तुत एक मनमोहक गीत और राजनांदगांव के दिव्यांग विद्यालय के श्रवण बाधित छात्रों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति नृत्य विशेष आकर्षण रहे।
इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, विधायक राजेश मुनत, मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, रायपुर महापौर मीनल चौबे, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष, निगम के अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में दिव्यांग छात्र उपस्थित थे।