जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के नाम पर 83 लाख की धोखाधड़ी, पूर्व CMHO समेत 5 पर FIR
रायपुर की असली कंपनी को छोड़ दंतेवाड़ा की फर्जी फर्म को किया गया भुगतान, पुलिस ने शुरू की जांच
सूरजपुर,,,,,,
सूरजपुर जिले के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना के नाम पर 83 लाख रुपये की चौंकाने वाली वित्तीय धोखाधड़ी सामने आई है। इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई है। मामला सामने आने के बाद जिले की पुलिस ने तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. रनसाय सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
असली कंपनी ने लगाया आरोप, जांच में खुला मामला
इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब रायपुर की यूनिक इंडिया कंपनी के संचालक जयंत चौधरी ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से अपने भुगतान की शिकायत की। जयंत चौधरी ने बताया कि उनकी कंपनी ने 13 सितंबर 2021 को भारत सरकार के जेम पोर्टल के माध्यम से जिला अस्पताल सूरजपुर में मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम (MGPS) और ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का टेंडर 83.21 लाख रुपये में हासिल किया था।
जयंत के अनुसार, कार्य पूर्ण रूप से किया गया था और सभी तकनीकी और दस्तावेजी शर्तों को पूरा करने के बाद भी तत्कालीन CMHO और लेखापाल ने भुगतान में जानबूझकर देरी की।
दंतेवाड़ा की फर्जी यूनिक इंडिया को भेजा गया भुगतान
मामले की गंभीरता को देखते हुए जब नए CMHO डॉ. कपिल देव पैकरा ने जांच की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। जांच में पाया गया कि रायपुर की यूनिक इंडिया कंपनी को भुगतान करने के बजाय, यह भारी-भरकम राशि दंतेवाड़ा की एक अन्य फर्म को ट्रांसफर कर दी गई, जो आशीष कुमार बोरा के नाम पर पंजीकृत थी।
इस फर्म को दो किश्तों में भुगतान किया गया – 5 जनवरी 2022 को 50 लाख रुपये और 31 जनवरी 2022 को 31.85 लाख रुपये। इस तरह कुल 81.85 लाख रुपये की राशि गलत तरीके से ट्रांसफर कर दी गई।
दोनों कंपनियों के बीच नहीं था कोई संबंध
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि दंतेवाड़ा की यह यूनिक इंडिया कंपनी, रायपुर की असली कंपनी से किसी भी प्रकार से संबद्ध नहीं थी। न तो इस फर्म ने किसी भी टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया था और न ही किसी प्रकार का कार्य किया गया था। यह सीधा-सीधा सरकारी धन की हेराफेरी और गबन का मामला बनता है।
पांच लोगों पर केस दर्ज, पुलिस जुटी जांच में
जयंत चौधरी की शिकायत पर सूरजपुर पुलिस ने तत्कालीन CMHO डॉ. रनसाय सिंह, दंतेवाड़ा की यूनिक इंडिया के संचालक आशीष कुमार बोरा, सेवानिवृत्त लेखापाल विजय सिन्हा, सहायक ग्रेड-2 कर्मचारी जेम्स कुमार बेक और फार्मासिस्ट सकिरन दास के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
पुलिस अधीक्षक सूरजपुर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और सभी संदिग्धों से पूछताछ की जाएगी। पुलिस ने शुरुआती जांच में इस घोटाले को जानबूझकर की गई साजिश बताया है, जिसमें विभागीय मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासतौर पर कोरोना काल के बाद ऑक्सीजन प्लांट जैसी जरूरतों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें सजग रही हैं, ऐसे में इस प्रकार की धोखाधड़ी प्रशासन की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है।
आगे क्या?
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच हर स्तर पर की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि भुगतान प्रक्रिया में किन-किन अधिकारियों ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए और कैसे एक फर्जी फर्म को असली कंपनी के नाम पर धनराशि ट्रांसफर की गई।
सूत्रों का कहना है कि इस घोटाले में कुछ और अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हो सकती है। यदि जांच सही दिशा में आगे बढ़ती है, तो यह छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के भीतर व्याप्त गहरे भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण साबित हो सकता है।