ऑपरेशन सिंदूर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भावुक शब्दों में वीरता को किया नमन
“लिख चुके हैं फिर लिखेंगे बार-बार इतिहास में, होंगे शत्रु सदा विफल हमसे द्वन्द के प्रयास में”
रायपुर, >>
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए जवाबी अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पूरे देश को एकजुट कर दिया है। इस विशेष अभियान के परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वीरता, बलिदान और मातृभूमि के प्रति अटूट निष्ठा को समर्पित करते हुए एक भावुक काव्यात्मक संदेश साझा किया है। इस संदेश ने पूरे देशवासियों के हृदय को स्पर्श किया है और राष्ट्रभक्ति की भावना को और अधिक प्रबल किया है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर अपने व्यक्तिगत भाव साझा करते हुए लिखा—
“लिख चुके हैं फिर लिखेंगे बार-बार इतिहास में, होंगे शत्रु सदा विफल हमसे द्वन्द के प्रयास में। तुमने कहा ‘मोदी को बोलो’ मृत्यु के उपहास में, अब सुनो हमारा गर्जन अपनी अंतिम साँस में।”
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह पंक्तियाँ पहलगाम की हर बहन को समर्पित हैं, जो अपने वीरों को खोकर भी अडिग खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि आज जब माताएं और बहनें अपने सपूतों की शहादत पर आंखों में आँसू और दिल में गर्व लिए खड़ी हैं, तो पूरा देश उनके साथ है।
ऑपरेशन सिंदूर—शौर्य और प्रतिशोध की गाथा
‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम ने खुद में ही गर्व, समर्पण और प्रतिशोध की भावना को समाहित कर लिया है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल हमले के जिम्मेदार आतंकियों को समाप्त करना था, बल्कि भारत की संप्रभुता और जनभावनाओं का स्पष्ट संदेश देना भी था।
आतंकी संगठन ने जिस तरह ‘मोदी को बोलो’ जैसा वाक्य कहकर चुनौती दी, उसका उत्तर भारतीय सुरक्षा बलों ने कुछ ही घंटों में अपने अदम्य साहस और सटीक रणनीति से दिया। इस ऑपरेशन में शामिल सभी सुरक्षा बलों ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब न केवल सहने वाला देश है, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर निर्णायक प्रतिशोध लेने में सक्षम भी है।
पहलगाम की बहनों को समर्पित—एक मुख्यमंत्री की संवेदना
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का यह संदेश केवल एक राजनीतिक वक्तव्य नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और राष्ट्रीय चेतना से भरा हुआ पत्र है। पहलगाम की जिन बहनों ने अपने पति, भाई या पुत्र को खोया है, उनके लिए यह शब्द एक दिलासा और कंधे का काम करते हैं। यह सिर्फ संवेदना नहीं, एक राज्य के मुखिया की मातृभूमि के लिए सच्ची आस्था और श्रद्धांजलि है।
राष्ट्रवाद की नई परिभाषा—कविता के माध्यम से
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा साझा की गई पंक्तियाँ केवल साहित्यिक अभिव्यक्ति नहीं हैं। यह नई पीढ़ी के लिए राष्ट्रवाद की एक नई परिभाषा है—जहां शब्दों में शौर्य है, और भावनाओं में बलिदान की तपिश।
“अब सुनो हमारा गर्जन अपनी अंतिम साँस में”—यह पंक्ति देश की उस प्रतिज्ञा को रेखांकित करती है, जिसमें प्रत्येक नागरिक आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई को व्यक्तिगत युद्ध मानता है। यह कवि नहीं, एक योद्धा की भाषा है, जो कलम से युद्धभूमि में भी अपना योगदान दे रहा है।
विपक्ष की आलोचना पर करारा जवाब
कुछ राजनीतिक दलों और विचारधाराओं ने हाल ही में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा नीति को लेकर सवाल उठाए थे। लेकिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की इस काव्यात्मक टिप्पणी ने उन सभी आलोचनाओं को करारा जवाब दिया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब ऐसा राष्ट्र नहीं रहा जिसे धमकियों से डराया जा सके। अब देश का प्रत्येक नागरिक और हर राज्य का नेतृत्व एकजुट होकर जवाबी कार्यवाही में विश्वास करता है।
सोशल मीडिया पर उमड़ा जनसैलाब
मुख्यमंत्री द्वारा साझा की गई पंक्तियाँ सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोगों ने उनके संदेश को रीट्वीट करते हुए कहा कि यह आज के भारत की सच्ची आवाज़ है।
“अब शब्दों में भी शक्ति है, और शस्त्रों में भी। भारत अब चुप नहीं बैठेगा।” — इस भाव को लोगों ने एक स्वर में अपनाया। कई लोगों ने इन पंक्तियों को अपने प्रोफाइल पर पोस्ट किया और पहलगाम में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
साहित्य और राजनीति का संगम
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने राजनीतिक जीवन में कई बार साहित्यिक अभिव्यक्तियों का सहारा लिया है। चाहे वह नक्सल समस्या हो या किसान आंदोलन, उन्होंने शब्दों के माध्यम से जनभावना को स्वर देने का कार्य किया है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर की गई यह अभिव्यक्ति न केवल भावनात्मक स्तर पर, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी जनता के बीच एक मजबूत विश्वास स्थापित करती है।
मुख्यमंत्री का नेतृत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा पर दृष्टिकोण
विष्णु देव साय एकमात्र ऐसे नेता नहीं हैं जिन्होंने इस विषय पर बोलने का साहस दिखाया, बल्कि वे उन गिने-चुने मुख्यमंत्रियों में से हैं जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को अपने राज्य की प्राथमिकता से जोड़ते हुए जनता को जागरूक किया है।
उन्होंने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि चाहे राज्य स्तर पर हो या राष्ट्रीय स्तर पर, छत्तीसगढ़ की जनता आतंकवाद, अलगाववाद और देश विरोधी गतिविधियों के खिलाफ हमेशा केंद्र के साथ खड़ी रहेगी।
केवल शब्द नहीं, संकल्प है
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा रचित यह काव्यात्मक संदेश केवल शब्दों का संयोजन नहीं, बल्कि एक राष्ट्रभक्त का संकल्प है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन बन चुका है—जहां देश का हर नागरिक, हर राज्य, और हर विचारधारा आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में खड़ी है।
आज आवश्यकता है कि हम सभी इस अभियान की भावना को आत्मसात करें और अपने-अपने क्षेत्र में देशभक्ति, कर्तव्य और बलिदान की भावना को जीवित रखें। तभी हम उन वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएंगे जिन्होंने अपने जीवन की आहुति देकर हमें सुरक्षा और स्वाभिमान दिया।
“शब्दों का यह गर्जन, अब हर घर की आवाज़ बने देशभक्ति का यह संग्राम, अब हर दिल की आग बने।”